Translate

20 May 2020

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा ग्राम प्रधानों को कोरोना से लड़ने हेतु दिए जाने वाली धनराशि की झूठी बयानवाजी से प्रधानों की छवि धूमिल किये जाने विषयक

सेवा में,
           श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी
            माननीय मुख्यमंत्री महोदय
             उत्तराखण्ड सरकार

विषय = मा० मंत्री उत्तराखण्ड सरकार द्वारा
             ग्राम प्रधानों को कोरोना से लड़ने 
              हेतु दिए जाने वाली धनराशि की 
               झूठी बयानवाजी से प्रधानों की
                छवि धूमिल किये जाने विषयक

महोदय
          उपरोक्त विषयक क्रम में प्रधान संगठन रूद्रप्रयाग द्वारा निवेदन करना है कि कुछ दिन पूर्व उत्तराखण्ड सरकार के एक मा०वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री जी द्वारा सोशल मीडिया पर ग्राम प्रधानों को कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सरकार द्वारा धनराशि सहित खाद्यान्न पैकेट देने की खबर खूब वायरल हुई। वर्तमान समय में उत्तराखण्ड के अंतर्गत कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आंकडा 120 के पार पहुंच चुका है। शासन-प्रशासन द्वारा पूरी जिम्मेदारी छोटी सरकार अर्थात ग्राम पंचायतों को दे दी गयी है। विभिन्न सुविधाओं के अभाव में ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान सहित निगरानी समिति प्रथम पंक्ति के कोरोना योद्धा के रूप में दिन-रात खड़े है। अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा ग्राम प्रधानों को किसी भी प्रकार की धनराशि किसी भी मद से कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए नहीं दी गयी है। अर्थात ग्राम पंचायतों को अभी तक "फूटी कौड़ी" भी प्राप्त नहीं हुई है। सभी ग्राम पंचायतें अभी तक गांव की व्यवस्थाओं के अनुरूप आगे बढ रहे हैं, तथा अपने-अपने गांवों को कोविड-19 जैसी जानलेवा वीमार से लड़ने के लिए शासन-प्रशासन से एक कदम आगे बढ़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि मा० मंत्री जी द्वारा ग्राम प्रधानों को कोरोना बजट देने की खबर वायरल होती है तो निश्चित रूप से इस वायरल खबर से ग्राम प्रधानों की छवि धूमिल हो रही है। जिसके चलते गांव में ग्राम प्रधानों पर बजट हड़प्पने का आरोप लगाया जा रहा है । लाजमी है कि ऐसी स्थिति में ग्राम प्रधानों के साथ गांववासियों की सहयोग की भावना कम हो जायेगी। जिसके कारण सम्पूर्ण चक्र टूट जायेगा। यदि इस प्रकार की हो रही वायरल खबर का खण्डन नहीं किया जाता है तो सभी प्रधानगण एक साथ सामूहिक स्तीफा देने के लिए उतारू हो जायेंगे।
    शासन-प्रशासन द्वारा इस समय ग्राम पंचायतों पर जो भरोसा जताया गया है । उसका जिम्मेदारी पूर्ण निर्वहन ग्राम प्रधानों सहित निगरानी समिति द्वारा किया जा रहा है ।
        महोदय जनपद रूद्रप्रयाग  प्रधान संगठन जिला उपाध्यक्ष के नाते मेरा विनम्र निवेदन रहेगा कि इस प्रकार से वायरल हो रही  खबरों का खण्डन करवाया जाय। जिससे ग्राम प्रधानों की छवि धूमिल न हो ।

                        भवदीय 
                विजयपाल सिंह नेगी 
              ( प्रधान ग्राम पंचायत मक्कू)
             जिला उपाध्यक्ष प्रधान संगठन 
                 जनपद रूद्रप्रयाग
                    उत्तराखण्ड
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

17 May 2020

लोकल 2 ग्लोबल

नरेगा से मनरेगा तक का ये सफर शायद ऐसे ही चलता रहेगा आज ओर कल भी, इसमें व्याप्तअनियमिता को सर्वदा दरकिनार कर गांव के मजदूरों के जेब मे पैसा डालना ही रह गया है। मैं सरकारों को दोष नही देता न ही इसके स्वरूप को जिस नियत ओर नियति से चल रहा है उसको देख कर चिन्तित भी हूँ आखिर कब तक ऐसे ही चलता रहेगा।
मेरी पृष्ठभूमि गांव की है मैंने ये सब को जिया है देखा है और हमेशा महसूस किया है उत्तराखंड जैसे राज्यों मैं छोटे किसानों मैं लोग Modern Agriculture System or Technology तो दूर की कौड़ी है अपनी पारम्पारिक खेती से भी दूर हो गए हैं आज हर घर मे नल है हर घर विधुत है हर गांव मे रोड है फिर भी पलायन हुआ ऐसा क्यों ?
मैं भी रोजगार के लिए 10 साल से घर से भर हूँ मुझे भी गांव मे अच्छा लगता है जितना लड़ सकता था लड़ा लिकिन अन्तवागत्वा थक हार कर निकल पड़ा।
कुछ लोंगो निसंदेह फायदा होता है लेकिन धरातल पर  सच्चाई किसी से छुपी नही है नाबार्ड की योजनाओं मैं कोई कमी है क्या लेकिन वो केवल फाइलों मैं रहती है अनगिनत स्वयं सहायता समूह हैं सरकारी योजनायें हैं पर धरती करे पुकार कुछ हट के करे सरकार।

0 से 0 का सफर है, सरकार पब्लिक की जेब मे पैसा देना का ये माध्यम केवल बंदर बांट जैसा ही है, 
अगर सरकार कुछ करना चाहती है तो स्वरोजगार को एक नया आयाम दिया जा सकता है ।
एक ऐसी व्य्वस्था क़याम की जय गाओं मैं लोग स्वरोजगार से जुड़ सके नाबार्ड ओर मनरेगा एक दुसरे के पर्याय हैं सरकार को एक ऐसा मोडल काम करे जो PPE मोड़ मैं काम करे इसमें पारदर्षिता के लिए राज्य सरकार और राज्यों और केंद्र सरकार का नियंत्रण रहे।
राज्यों को उनकी भौगोलिक एवम प्रकिर्तिक रूप से जिस भी छेत्र मैं जिला स्तर ब्लॉक स्तर और गांव स्तर पर रैंकिंग की जाय जो जैसा उसका मूल्यांकन सुप्रीमकोर्ट या सरकार द्वारा की जाय।
देश मे ये मोडल एक लिमिटेड जैसा चलाया जाय निसंदेह लोकल को वोकल हुए बिना ग्लोबल किया जा सकता है मोदी सरकार मैं विज़न भी है और मिशन भी है और visionary Leadership भी है।
पूरे तंत्र मैं सही रूप मे पारदर्षिता होगी हर हाथ पे रोजगार भी होगा हमारा अर्थवयवस्था भी मजबूत होगी।

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा ग्राम प्रधानों को कोरोना से लड़ने हेतु दिए जाने वाली धनराशि की झूठी बयानवाजी से प्रधानों की छवि धूमिल किये जाने विषयक

सेवा में,            श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी             माननीय मुख्यमंत्री महोदय              उत्तराखण्ड सरकार विषय = मा० मंत्री उत्त...