उत्तराखंड के साहित्यकार (हिमांशु जोशी)
हिमांशु जोशी
जन्म परिचय
जन्म - 4 मई 1935
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स्थान - जोस्युड़ा गाँव चम्पावत
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कविता संग्रह
★ अग्नि सम्भव
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★ नील नदी का वृक्ष
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★ एक आंख की कविता
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कहानी संग्रह
★ अंततः
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★ श्रेष्ठ प्रेम कहानियां
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★ दस कहानियां
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★ नंगे पावो के निशान
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★ इकहत्तर कहानियाँ
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★ इस बार बर्फ गिरी तो
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★सागर तट के शहर जलते हुए डैने
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★ बुझे दीप
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बाल साहित्य
★ तीन तारे
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★ सुबह के सूरज
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★ अग्नि संतान
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★ बचपन की याद रही कहानियां
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★ हिम का साथी
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★ अमर कैदी
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★ भारत रत्न प. गोविन्द बल्लभ पन्त
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★काला पानी
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नाटक
★ कगार की आग
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★ इस बार
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★ सु-राज
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★ समय की शिला पर
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वैचारिक संस्मरण
★ उत्तर पर्व
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★ आठवां सर्ग
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यात्रा वृतांत
★ यात्राएं
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★ नार्वे – सूरज चमके आधी रात
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अन्य रचना
★ चीड़ के वन
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★ अरण्य
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पुरष्कार व सम्मान
★ उत्तर प्रदेश हिंदी संसथान पुरष्कार
★ हिंदी अकादमी दिल्ली सम्मान
★ पत्रकारिता हेतु गणेश शंकर विद्यार्थी पुरष्कार से सम्मानित
★ इनकी पहली कहानी “बुझे दीप” नवभारतटाइम्स में 1955में प्रकाशित हुए
अन्य महत्त्पूर्ण तथ्य
★ प्रसिद्ध उपन्यास तुम्हारे लिए पर दूरदर्शन पर धारावाहिक बना
★ कोलकाता से प्रकाशित मासिक पत्रिका वर्गार्थ के संपादक रहे
★ वर्तमान में गाँधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के अध्यक्ष है
★ इनके उपन्यास सु-राज पर बॉलीवुड में फिल्म बनायीं गयी
★ इन्होने एम फिल तक शिक्षा प्राप्त कीउत्तराखंड के साहित्यकार (चंद्रकुंवर बर्त्वाल)
चंद्रकुंवर बर्त्वाल
जन्म परिचय
जन्म - 20 अगस्त 1919
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उपनाम - रसिक
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स्थान - मालकोटी गाँव, चमोली
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मृत्यु - 14 सितम्बर 1947
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काव्य संग्रह
★ कंकड़ पत्थर
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★ पयस्वनी
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★ सुन्दर असुंदर
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★ जीतू
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★ मेघ नंदिनी
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★ विराट ज्योति
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★ गीत माधवी
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गद्य संग्रह
★ प्रणयिनी
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★ शापित भूमि से उपजा एक विलक्षण कुंवर
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★ नागिनी
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★ उस विलक्षण के कुछ पत्र
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अन्य महत्त्पूर्णतथ्य
★इन्होने एम ए तक शिक्षा प्राप्त की
★1939 में इसकी कविताये कर्मभूमि में प्रकाशित हुई
★ इनकी काव्य प्रतिभा पर शम्भू प्रसाद बहुगुणा ने नागिनी शीर्षक से पुस्तक प्रकाशित की
★ इनकी काफल पाको कविता को हिंदी के सर्वश्रेष्ट गीत के रूप में स्वीकार किया गया
★हिमालय के सौन्दर्य का अत्यधिक वर्णन करने के लिए उन्हें हिमवंतपुत्र भी कहा गया
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