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29 Nov 2018

उत्तराखंड के साहित्यकार (हिमांशु जोशी)

उत्तराखंड के साहित्यकार (हिमांशु जोशी)


                         हिमांशु जोशी

जन्म परिचय

जन्म - 4 मई 1935
स्थान - जोस्युड़ा गाँव चम्पावत
                                      
कविता संग्रह

 अग्नि सम्भव
 नील नदी का वृक्ष
 एक आंख की कविता

कहानी संग्रह

 अंततः
 श्रेष्ठ प्रेम कहानियां
 दस कहानियां
 नंगे पावो के निशान
 इकहत्तर कहानियाँ
 इस बार बर्फ गिरी तो
सागर तट के शहर जलते हुए डैने
 बुझे दीप







बाल साहित्य

 तीन तारे
 सुबह के सूरज
 अग्नि संतान
 बचपन की याद रही कहानियां
 हिम का साथी
 अमर कैदी
 भारत रत्न प. गोविन्द बल्लभ पन्त
काला पानी

नाटक

 कगार की आग
 इस बार
 सु-राज
 समय की शिला पर


वैचारिक संस्मरण

 उत्तर पर्व
 आठवां सर्ग

यात्रा वृतांत

 यात्राएं
 नार्वे – सूरज चमके आधी रात

अन्य रचना

 चीड़ के वन
 अरण्य

पुरष्कार व सम्मान

 उत्तर प्रदेश हिंदी संसथान पुरष्कार
 हिंदी अकादमी दिल्ली सम्मान
 पत्रकारिता हेतु गणेश शंकर विद्यार्थी पुरष्कार से सम्मानित
 इनकी पहली कहानी “बुझे दीप” नवभारतटाइम्स में 1955में प्रकाशित हुए

अन्य महत्त्पूर्ण तथ्य 

 प्रसिद्ध उपन्यास तुम्हारे लिए पर दूरदर्शन पर धारावाहिक बना
 कोलकाता से प्रकाशित मासिक पत्रिका वर्गार्थ के संपादक रहे
 वर्तमान में गाँधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के अध्यक्ष है
 इनके उपन्यास सु-राज पर बॉलीवुड में फिल्म बनायीं गयी
 इन्होने एम फिल तक शिक्षा प्राप्त की

उत्तराखंड के साहित्यकार (चंद्रकुंवर बर्त्वाल)


                                                 चंद्रकुंवर बर्त्वाल

जन्म परिचय

जन्म - 20 अगस्त 1919
उपनाम - रसिक
स्थान - मालकोटी गाँव, चमोली
मृत्यु - 14 सितम्बर 1947


काव्य संग्रह

 कंकड़ पत्थर
 पयस्वनी
 सुन्दर असुंदर
 जीतू
 मेघ नंदिनी
 विराट ज्योति
 गीत माधवी






गद्य संग्रह
 
 प्रणयिनी
 शापित भूमि से उपजा एक विलक्षण कुंवर
 नागिनी
 उस विलक्षण के कुछ पत्र

अन्य महत्त्पूर्णतथ्य

इन्होने एम ए तक शिक्षा प्राप्त की
1939 में इसकी कविताये कर्मभूमि में प्रकाशित हुई
 इनकी काव्य प्रतिभा पर शम्भू प्रसाद बहुगुणा ने नागिनी शीर्षक से पुस्तक प्रकाशित की
 इनकी काफल पाको कविता को हिंदी के सर्वश्रेष्ट गीत के रूप में स्वीकार किया गया
हिमालय के सौन्दर्य का अत्यधिक वर्णन करने के लिए उन्हें हिमवंतपुत्र भी कहा गया

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